अपने ही घर में चीजें अनजानी सी पड़ गयी हैं
पुराना मकान है अब दरारें सी पड़ गयी हैं
अब और आह का सबब क्या बताएं हम
बात अब तुझको भी बतानी सी पड़ गयी है
रिश्तों पर जमी धूल देखी तो याद आया
कुछ रोज़ से कुछ चीजें पुरानी सी पड़ गयी हैं.
आजकल करीबी लोग भी साफ़ नहीं दिखते
खरोंच आई है, चश्मे पे निशानी सी पड़ गयी है.
3 comments:
बहुत खूब...
mast hai :)
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