बाद मुद्दत के इक खयाल फिर अपना लगा
जाने क्यों उदास होना भी आज अच्छा लगा।
ज़हन रु-ब-रु नाकामियों से परेशान होता था
दिल खामखा कुछ जिन्दा लगा, ताजा लगा।
तेरे एहसास की बारीकियाँ क्या समझा किए
जब टूट गया तब अनमोल तेरा वादा लगा।
तूने बख्शी है इक उम्र तसल्ली दिल को
बाद रूख्सत के कोइ नेमत तेरा आना लगा।
तूं 'अक्स' की इन गज़लों का मतलब न पूछ
तुझसे लगा, जब भी अशआर का मज़मा लगा।
जाने क्यों उदास होना भी आज अच्छा लगा।
ज़हन रु-ब-रु नाकामियों से परेशान होता था
दिल खामखा कुछ जिन्दा लगा, ताजा लगा।
तेरे एहसास की बारीकियाँ क्या समझा किए
जब टूट गया तब अनमोल तेरा वादा लगा।
तूने बख्शी है इक उम्र तसल्ली दिल को
बाद रूख्सत के कोइ नेमत तेरा आना लगा।
तूं 'अक्स' की इन गज़लों का मतलब न पूछ
तुझसे लगा, जब भी अशआर का मज़मा लगा।