यूं बेकरारियां बज्मों में सरेआम सबसे कहा न कर
तूं तो मेरी अपनी है गज़ल, तूं तो हमें रुस्वा न कर।
इस अंदाज पर सब तेरे कायल तो हो जाएंगे मगर
आ कहेंगे मुझसे फिर कि बातें तूं ऐसी किया न कर।
ये लोग कब समझेंगे भला तेरे दर्द की बारीकियाँ
रौशनी के पुतलों पे अपनी तारीकियाँ ज़ाया न कर।
जिसे भी ज़ख्म दिखाओ उसी को चारागरी का शौक नहीं
दुआ ही कर जालिम, तूं बेशक भले दवा न कर।
तूं तो मेरी अपनी है गज़ल, तूं तो हमें रुस्वा न कर।
इस अंदाज पर सब तेरे कायल तो हो जाएंगे मगर
आ कहेंगे मुझसे फिर कि बातें तूं ऐसी किया न कर।
ये लोग कब समझेंगे भला तेरे दर्द की बारीकियाँ
रौशनी के पुतलों पे अपनी तारीकियाँ ज़ाया न कर।
जिसे भी ज़ख्म दिखाओ उसी को चारागरी का शौक नहीं
दुआ ही कर जालिम, तूं बेशक भले दवा न कर।
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